मध्य प्रदेश में कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूल 20 सितंबर से शुरू होने जा रहे हैं, वर्तमान में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ कक्षाएं शुरू की जा सकती हैं. बच्चों को स्कूल जाने के लिए मातापिता की अनुमति लेनी होगी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया, वहीं आवासीय विद्यालयों में कक्षा-8, 10 और 12 की कक्षाएं शत-प्रतिशत क्षमता के साथ शुरू होंगी.
इसके लिए हॉस्टेल पूरी तरह से खुला : कक्षा-8, 10 और 12 के छात्रों के लिए शत-प्रतिशत क्षमता वाला छात्रावास खोला जाएगा, कक्षा-11 के छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा भी होगी, हालांकि केवल 50 प्रतिशत क्षमता की अनुमति होगी.
मध्य प्रदेश में पहले दो चरणों में खुलेंगे स्कूल
चरण I: मध्य प्रदेश में 26 जुलाई से स्कूल में छात्रों के लिए कक्षाएँ खोली गईं. पहले कक्षा-11 व कक्षा-12 की कक्षाएं प्रारंभ होंगी. 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे कक्षा में उपस्थित नहीं हो सके. सप्ताह में एक दिन छोटे समूहों में कक्षाएँ स्थापित करने का आदेश दिया जहाँ बच्चों की बैठक की उचित व्यवस्था नहीं है.
दूसरा चरण: तब मध्य प्रदेश में सभी कक्षाओं को हर दिन (रविवार को छोड़कर) खोलने का निर्णय लिया गया. कक्षा में 50% बच्चों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया.
दूसरी ओर, नीति आयोग के एक सदस्य डॉ वीके पोल ने कहा कि सरकार का वर्तमान ध्यान देश में सभी वयस्कों को टीका लगाने पर है. बच्चों का टीकाकरण एक अलग मुद्दा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई सिफारिश नहीं की है. बच्चों को टीकों से डरने की जरूरत नहीं है.स्वदेशी वैक्सीन ‘कोवेक्सिन’ को डब्ल्यूएचओ की मंजूरी के बारे में डॉ. पॉल ने कहा कि इस महीने के अंत तक फैसला लिया जा सकता है.