अहमदाबाद : राज्य में कोरोना का कहर उतर रहा है. सभी रोजगार व्यवसायों की कार पटरी पर लौट आई है. भारत में जगन्नाथपुरी के बाद इस साल दूसरी सबसे प्रसिद्ध अहमदाबाद रथ यात्रा निकलेगी या नहीं, अटकलें फिर से शुरू हो गई हैं, जगन्नाथ मंदिर के मनहट दिलीप दासजी भी चाहते हैं कि रथ यात्रा शुरू हो.
हालांकि, आईबी की रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर में जानमाल के भारी नुकसान के बाद जिस तरह से लापरवाही सामने आई, जरूरी है कि गुजरात की स्थिति को धार्मिक भावनाओं से खतरे में न डाला जाए ताकि संभावित तीसरी लहर से बचा जा सके.

गुजरात में आगामी रथ यात्रा के साथ-साथ अन्य त्योहारों के बारे में सभी विवरणों के साथ एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें कहा गया है कि रथयात्रा के पारंपरिक मार्ग पर भले ही कर्फ्यू लगा दिया जाता है, भले ही रथयात्रा हो, लोगों के इकट्ठा होने के लिए पर्याप्त परिस्थितियां हैं और परिणामस्वरूप स्थिति बिगड़ सकती है, ताकि कोविड प्रोटोकॉल के तहत मंदिर की परिक्रमा की जा सके.

रिपोर्ट में इस साल राज्य के अन्य शहरों में रथयात्रा नहीं आयोजित करने का आग्रह किया गया है. साथ ही जन्माष्टमी मेला या अन्य त्योहार नहीं मनाए जाते है. जिसमें रथयात्रा के मार्ग पर केवल भगवान के रथ को ही पार किया जाए और इस क्षेत्र में कर्फ्यू घोषित किया जाए. ताकि रथयात्रा अपने पारंपरिक मार्ग पर निकल सके. हालांकि सेंट्रल आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) ने इस संबंध में एक रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को सौंप दी है.

स्पष्ट रूप से कहा गया है कि न केवल अहमदाबाद की रथयात्रा बल्कि राज्य के सभी रथयात्रा और जन्माष्टमी मेलों को भी रद्द कर दिया जाए. इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार 24 जून के बाद केवल मंदिर परिसर में ही रथयात्रा निकालने की घोषणा कर सकती है.