साल 2020 और साल 2021 देश में कोरोना के लिए सबसे कठिन समय है, उस समय देश भर में व्यापार और रोजगार चरमराने के कगार पर थे. इस वर्ष के दौरान देश में बेरोजगारी दर में भी वृद्धि हुई,लेकिन गुजरात की साबरमती सेंट्रल जेल में कैदियों ने करीब 3.78 करोड़ रुपये कमाए. साथ ही नए कैदी और नए व्यवसाय शुरू किए गए.
इस वर्ष के दौरान देश में बेरोजगारी दर में भी वृद्धि हुई. लेकिन गुजरात की साबरमती सेंट्रल जेल में कैदियों ने करीब 3.78 करोड़ रुपये कमाए. साथ ही नए कैदी और नए व्यवसाय शुरू किए गए.
कोरोना के कठिन समय का देश भर के कारोबार पर गहरा असर पड़ा है. देश के सकल घरेलू उत्पाद को नीचे धकेलते हुए अधिकांश व्यवसाय बंद हो गए. लेकिन ऐसे समय में भी गुजरात की साबरमती सेंट्रल जेल के कैदी आत्मनिर्भर हो गए और एक साल में 3.78 करोड़ रुपये की कमाई की.
ये अहमदाबाद साबरमती सेंट्रल जेल के कैदियों द्वारा उत्पन्न राजस्व के आंकड़े हैं. कोरोना के समय में सरकार हमेशा लोगों को आत्मनिर्भर रहने की सलाह देती थी. जहां नए स्थापित उद्योग भी बंद होने के कगार पर थे, वहां बंदियों द्वारा 3 नए उद्योग शुरू किए गए और धीरे-धीरे आत्मनिर्भर कैदियों की संख्या भी बढ़ने लगी.