देश में कोरोना वायरस महामारी आए एक साल से अधिक समय हो गया है, जब कोरोना संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, तो डॉक्टरों से लेकर चिकित्सा कर्मचारी तक सभी उपचार में शामिल होते हैं. इन कोरोना वॉरियर्स की आंखें तब खुशी से भर जाती हैं जब मरीज ठीक हो जाता है और घर चला जाता है. अपने बारे में चिंता किए बिना घंटों तक पीपीई किट में सेवा करने वाले कर्मचारी कई चुनौतियों के बीच हर दिन एक मरीज की जान बचाने के लिए तत्पर रहते है.
अपने काम के लिए समर्पित, ये कोरोना योद्धा कभी-कभी परिवार की चिंता किए बिना सेवा में रहते हैं. हम इस तरह के कोरोना योद्धा के ऋण को चुकाने में कभी सक्षम नहीं हो सकते हैं, ऐसा ही एक कोरोना योद्धा है आरतीबेन गज्जर, जो शादी के चौथे दिन सिविल में कोविड अस्पताल में ड्यूटी पर पहुंच गई थी.
हाथ मेंहदी सूखने से पहले ड्यूटी पर हाजिर हुई
आरतीबेन का विवाहित जीवन अभी शुरू हुआ था, यहां तक कि उसके हाथों की मेंहदी भी अभी तक नहीं सूखी थी, वह यह समझने की कोशिश कर रही थी कि यह शादी करना कैसा था, वह शादी के बाद अपने प्रेमी के साथ समय बिताने का सपना देख रही थी और वह यह पता लगाने की कोशिश कर रही थी. वहां आरतीबेन का फोन बज उठा- हमारे डायटेशियन विभाग के छह लोगों को कोरोना पॉजिटिव हो गया है, तब आरती बेन नें कोई पल गंवाए बिना ही कहा की वह कल से ड्यूटी जोइन करेगी.
25 अप्रैल को खंभात में हुई थी शादी
अहमदाबाद शहर के वेजलपुर इलाके में रहने वाले आरतीबेन गज्जर की शादी 25 अप्रैल को खंभात में हुई थी. शादी के बाद, यह स्वाभाविक है कि ससुराल और नई जिम्मेदारियों को समझने की कोशिश कर रहे थे. तब उनको पता चला की अस्पताल के आहार विभाग में उसके दोस्त कोरोना से संक्रमित थे.
स्थिति को देखते हुए, आरतीबेन ने अपनी कर्तव्यनिष्ठा को प्राथमिकता देने के लिए चुना. अपनी सारी आशाओं और सपनों को दरकिनार करते हुए आरती ने शादी के चौथे दिन ड्यूटी ज्वाइन कर ली, उसने अपने मन में कर्तव्य की गाँठ बाँध ली थी.
पिछले एक साल से कोरोना के मरीजों के लिए बनी अन्नपूर्णा
आरतीबेन गज्जर पिछले एक साल से सिविल अस्पताल के कोरोना वार्ड में ड्यूटी पर हैं. आरतीबेन ने कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों को समय पर भोजन सुनिश्चित करने के लिए रोगियों द्वारा किए गए कार्यों का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रदान किया है. वे वार्ड में जाते ही और अलग-अलग समय पर रोगियों को संतुलित आहार देती हैं, उनके शरीर की जरूरतों के अनुसार भोजन का डायट प्लान देती है.

अक्सर वार्ड में जाने वाले रोगियों को मुंह से भोजन नहीं ले सकते हैं, तो उन्हें ट्यूब के माध्यम से खिलाया जाता है. सिविल अस्पताल के 1200 बेड के अस्पताल का विस्तार मंजुश्री कोविद अस्पताल शुरू से हीआहार विभाग में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है.
आरतीबेन ने कहा-शादी के चौथे दिन, जब मुझे पता चला कि मेरे अन्य दोस्तों ने कोरोना को अनुबंधित किया था और अस्पताल को मेरी ज़रूरत थी, तो मैंने बिना किसी विचार के शादी के चौथे दिन अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर ली,ऐसी मुश्किल स्थिति में निजी जीवन छोडकर समाज सेवा और देश सेवा से ज्यादा जरूरत है.मेरे लिए एक मरीज की मानसिक स्थिति को मजबूत रखना महत्वपूर्ण था ताकि वह समय पर भोजन कर सके.