सऊदी अरब ने पहली बार मक्का की शाही मस्जिद में मौजूद मक़ाम-ए-इब्राहिम की कुछ अनदेखी तस्वीरे साजा की है. सऊदी अरब के मक्का और मदीना के मामलों के लिए जनरल प्रेसीडेंसी ने मक़ाम-ए-इब्राही के मंज़र को एक नई तकनीक के साथ कैप्चर किया जिसमें स्टैक्ड पैनोरमिक फो फोकस का इस्तेमाल किया गया है.

इस्लाम की रिवायात के मुताबिक, मकाम-ए-इब्राहिम वह पत्थर है जिसका इस्तेमाल इब्राहिम (इस्लाम) ने मक्का में काबा की तामीर के दौरान दीवार बनाने के लिए किया था ताकि वह उस पर खड़े होकर दीवार बना सकें.

पैगंबर के पैरों के निशान को संरक्षित करने के लिए पत्थर को सोने, चांदी और कांच के एक फ्रेम से सजाया गया है.

मुसलमानों का मानना है कि जिस पत्थर में पदचिह्न के छाप हैं, वह सीधे स्वर्ग से पवित्र काले पत्थर हज-ए-असवद के साथ आया था.