जानलेवा कोरोना कहर के बीच एक राहत की खबर सामने आ रही है,आईटी कंपनी टेक महिंद्रा ने रीगेन बायोसाइंस के साथ मिलकर एक नया ड्रग तैयार किया है.संभावना है, दवा कोरोना वायरस को रोकने में सफल हो सकती है, कंपनी अब दवा का पेटेंट कराने की तैयारी कर रही है, ताकि इस पर और शोध किया जा सके.
पेटेंट होने तक दवा के नाम का खुलासा नहीं
टेक महिंद्रा के ग्लोबल हेड (मेकर्स लैब) निखिल मल्होत्रा का कहना है कि पेटेंट जारी होने तक मोलिक्यूल के नाम का खुलासा नहीं किया जाएगा. टेक महिंद्रा और रीगेन बायोसाइंस रिसर्च की प्रक्रिया में हैं. मेकर्स लैब टेक महिंद्रा रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्म है.
8,000 मोलिक्यूल पर शोध किया
मल्होत्रा के अनुसार, मेकर्स लैब द्वारा कोरोना वायरस का मॉडल विश्लेषण शुरू किया गया है, इन संगणना डॉकिंग और मॉडलिंग अध्ययनों के आधार पर, टेक महिंद्रा और इसकी भागीदार कंपनी ने एफडीए मान्यता के साथ 8,000 मोलिक्यूल में से 10 दवाओं को सूचीबद्ध किया है, इन 10 दवा अणुओं को प्रौद्योगिकी द्वारा फ़िल्टर किया गया है. यह बेंगलुरु में परीक्षण किया गया.
और भी अधिक शोध की आवश्यकता है
“जानवरों में इस दवा पर शोध करना अभी भी आवश्यक है,” उन्होंने कहा. हम इसकी क्षमता की जांच कर रहे हैं. “पूरे विश्व में कई दवाओं पर परीक्षण चल रहे हैं,” मल्होत्रा ने कहा. वर्तमान में लोग घातक कोरोनावायरस से बचाव के लिए केवल टीकों पर निर्भर हैं. दुनिया भर में कई दवाइयों पर परीक्षण चल रहा है, लेकिन कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अभी लोग सिर्फ वैक्सीन के भरोसे ही हैं. भारत सरकार ने कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए मरीजों की स्थिति के मुताबिक रेमडेसिविर और टोसिलिजुमैब के प्रयोग को मंजूरी दी है. हालांकि, इनकी भी मांग के मुकाबले आपूर्ति नहीं होने के कारण कमी महसूस की जा रही है.