कोरोना की सीएफआर (केस फैटलिटी रेट) वर्तमान में देश में 1.3 प्रतिशत है, जिसका अर्थ है कि भारत में प्रत्येक 100 कोरोना पॉजिटिव लोगों में से एक से अधिक मर रहे हैं, हालांकि देश के प्रमुख शहरों में कोरोना की मृत्यु दर अभी भी 2.5 प्रतिशत है, पंजाब, गुजरात, पश्चिम बंगाल के प्रमुख शहरों में, प्रत्येक 100 कोरोना संक्रमित लोगों में से दो मर रहे हैं, जबकि दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे अधिक आबादी वाले राज्यों में, सीएफआर 1 प्रतिशत या उससे अधिक है.
क्या है पंजाब की स्थिति
लुधीयाना में अब तक कुल 51,492 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 1,322 की मौत हो चुकी है. इस शहर की हालत देश में सबसे खराब है. यहां कोरोना रोगियों की मृत्यु दर 2.5 प्रतिशत है. 20 से 27 अप्रैल के बीच शहर में संक्रमण 1.8 प्रतिशत बढ़ रहा है. पंजाब के ज्यादातर शहरों की हालत खराब है. यहां के बड़े शहरों में मृत्यु दर 2 प्रतिशत या उससे अधिक है. अब तक जालंधर में 1,060, अमृतसर में 913, होशियारपुर में 711, पटियाला में 744 और बठिंडा में 325 लोगों की मौत हुई है.
क्या है गुजरात की स्थिति
2500 से अधिक मौतों के साथ, अहमदाबाद का सीएफआर 2.4 तक पहुंच गया है. भारत सरकार के आंकड़े बताते हैं कि गुजरात में अब तक 6,656 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 40 प्रतिशत या 2,844 मौतें अकेले अहमदाबाद में हुई हैं, इसके अलावा, पिछले सात दिनों में औसतन 2.9 प्रतिशत की दर से नए मामलों की संख्या बढ़ रही है.
महाराष्ट्र बना मौत का कूवा
मुंबई में, प्रति 100 कोरोना रोगियों में से दो से अधिक मर रहे हैं. यह आंकड़ा चिंताजनक है क्योंकि यहां अब तक 6 लाख 35 हजार 483 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 12920 लोगों की मौत हो चुकी है, सबसे ज्यादा मौतें होने वाले शहरों में पहले नंबर पर दिल्ली और दूसरे नंबर पर मुंबई है. मुंबई की मृत्यु दर दिल्ली के 1.4 प्रतिशत की तुलना में 1.5 प्रतिशत अधिक है, यहां नए संक्रमण की औसत गति 1.5 प्रतिशत है.