उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग फिर से एक बार चर्चाओं में है, और इस बार चर्चा का कारण है किम जोंग का कबूल नामा. किम जोंग ने यह पहली बार कबूला है कि उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था सबसे बुरे दौर में चल रही है.
हाल ही में किंग जोंग ने कार्यकर्ता सम्मेलन में संबोधन किया, किम ने कहा कि उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था बुरे वक्त से गुजर रही है. लोगों के जीवन को बेहतर बनाना होगा.

न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि किम जोंग के शासन को 10 साल होने जा रहे हैं, और उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था अमेरिकी प्रतिबंधों, कोरोना और लोक डाउन के चलते डामाडोल हो गई है.
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उत्तर कोरिया पर लगाए गए संयुक्त राष्ट्र द्वारा परमाणु प्रतिबंध की निगरानी करने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि किम जोंग उन सरकार ने ऐसी सामग्री का निर्माण किया है कि जिससे परमाणु बनाए जा सके.
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अहेवालो की माने तो कोरोना और लोक डाउन ने उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डाला है. लेकिन सच बात तो यह भी है कि किम जोंग ने देश के सही हालात दुनिया तक नहीं आने दिए.