उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई बाढ़ से काफी जान माल का नुकसान हुआ. धौली गंगा, ऋषि गंगा और अलकनंदा नदियों में हुए हिमस्खलन और बाढ़ से अनेकों घर बर्बाद हो गये थे. इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई और 135 से ज्यादा लोग लापता हो गए. उत्तराखंड में हुए इस घटना को लेकर अब नए दावे सामने आए हैं.
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इंटरनेशनल माउंटेन फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट ( ICIMOD) के मत अनुसार यह घटना भारी रॉकस्लाइड के कारण हुई थी. मतलब की भारी पत्थरों का खिसकना इस घटना की वजह बनी. रिपोर्ट की माने तो , रोंटी चोटी के ठीक नीचे बर्फ पिघलने से रॉकस्लाइड हुआ.
रोक स्लाईड से बहाव में आई तेजी
आईसीआईएमओडी के निष्कर्षों में कहा है कि बर्फ के साथ मिश्रित 22 मिलियन क्यूबिक मीटर पत्थर गिरे. इससे पानी का बहाव काफी तेजी से बढ़ा और अत्यधिक बाढ़ की स्थिति बनी. इस संगठन के आठ सदस्य हैं जिनमें चीन, नेपाल भी शामिल हैं.
कनेक्टिविटी बहाल करने के लिए तैयार किया गया पुल
उत्तराखंड के चमोली जिले के 13 गांवों से कनेक्टिविटी बहाल करने के लिए ऋषिगंगा के ऊपर एक वैकल्पिक बेली पुल बनाया गया है .7 फरवरी को बाढ़ में पुल बह जाने के बाद इन गांवों का संपर्क कट गया था.