गरीबों के कस्तूरी फिर एकबार महंगी हो गई है. बेमौसम बरसात और बेलगाम होती पेट्रोल-डीजल की कीमतों का ही असर है कि बीते कुछ हफ्तों में प्याज के दाम दोगुना से ज्यादा बढ़ चुके हैं. जो प्याज साल की शुरुआत में 25-30 रुपये किलो बिक रही थी, आज उसी प्याज के लिए 60 से 70 रुपये प्रति किलो चुकाने पड़ रहे हैं.
ये है दाम बढने के कारण
- पिछले साल दिसंबर-जनवरी के दौरान हुई बेमौसम बरसात की वजह से महाराष्ट्र में किसानों की प्याज की फसल बर्बाद हो गई. प्याज नहीं होने से सप्लाई भी घटी जिसका असर अब कीमतों पर दिख रहा है.
- ट्रेडर्स का कहना है कि देर से आई खरीफ की फसल लगभग खत्म हो चुकी है. खरीफ की फसल जून से जुलाई के बीच बोई जाती है, जिसे नवंबर-दिसंबर में काटा जाता है. जब लेट खरीफ की बुआई अगस्त-अक्टूबर में होती है जिसे दिसंबर के बाद काटा जाता है. यही लेट फसल मार्केट में इस समय सप्लाई होती है, जिसमें कि ज्यादातर फसल बर्बाद हो चुकी है बारिश की वजह से सड़ चुकी है.
- दूसरी ओर डीजल की कीमतों का लगातार बढ़ना भी एक बड़ी वजह है, क्योंकि माल ढुलाई महंगी हो गई है. जनवरी और फरवरी में 17 दिन ही पेट्रोल के दाम बढ़ाए गए है, लेकिन इसी दौरान दिल्ली में डीजल 4.51 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है. 1 जनवरी को दिल्ली में डीजल का दाम 73.87 रुपये प्रति लीटर था, आज 78.38 रुपये है.

दक्षिण भारतीय बाजारों से सप्लाई भी गिरी है और गुजरात, मध्य प्रदेश की सप्लाई ज्यादा नहीं है. इसके अलावा सरकार ने भी जनवरी में एक्सपोर्ट को खोल दिया है, जिससे कीमतें 1000 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गईं हैं. गर्मियों की नई प्याज मार्च के पहले हफ्ते में आना शुरू होगी, जिसके बाद कीमतें नीचे आने की उम्मीद है.