विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत और चीन की सेना के शीर्ष कमांडर पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को लेकर नौ दौर की वार्ता कर चुके हैं और भविष्य में भी ऐसी वार्ताएं जारी रहेंगी. उन्होंने कहा कि अब तक हुई वार्ताओं का कोई खास प्रभाव दिखाई नहीं दिया है.
जयशंकर ने विजयवाड़ा में कहा, ‘सैनिकों के पीछे हटने का मुद्दा बहुत पेचीदा है. यह सेनाओं पर निर्भर करता है. आपको अपनी (भौगोलिक) स्थिति और घटनाक्रम के बारे में पता होना चाहिये. सैन्य कमांडर इस पर काम कर रहे हैं.’ वे इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़पों को लेकर दोनों देशों के बीच मंत्री स्तरीय वार्ता हो सकती है.
भारत और चीन के बीच बीते साल पांच मई से पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध चल रहा है. गतिरोध खत्म करने लिये दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है.
विदेश मंत्री ने कहा, ‘सेना के कमांडर अब तक नौ दौर की वार्ताएं कर चुके हैं. हमें लगता है कि कुछ प्रगति हुई है लेकिन इसे समाधान के तौर पर नहीं देखा जा सकता. इन वार्ताओं का कोई खास प्रभाव दिखाई नहीं दिया है.’