रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि आवंटित, जिसमें 1,07,100 करोड़ रुपये केवल पूंजीगत व्यय के लिए हैं.
भारतीय रेलवे ने भारत के लिए 2030 में एक राष्ट्रीय रेल योजना तैयार की है. यह योजना 2030 तक भविष्य के लिए तैयार रेलवे प्रणाली बनाने की है.
जून 2022 तक ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तैयार हो जाएगा. सोमनगर-गोमो सेक्शन पीपीपी मोड में बनाया जाएगा.
मेक इन इंडिया को सक्षम करने के लिए वित्त मंत्री ने रणनीति के मूल में एक उद्योग की लागत को नीचे लाने का ऐलान किया.
दिसंबर 2023 तक 100 फीसदी ब्रॉडगेज का इलेक्ट्रिफिकेशन होगा.
यात्रियों का अनुभव बढ़ाने के लिए विस्टा डोम कोच शुरू होंगे. इसके अलावा हाई डेंसिटी नेटवर्क, हाई यूटिलाइज नेटवर्क पर ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम शुरू किए जाएंगे. ये सभी सिस्टम देश में ही बनेंगे.